Development of Education in India under the British Rule: क्या आप जानते हैं अंग्रेजी हुकूमत के वक्त भारत में शिक्षा का स्तर कैसा था

Safalta Experts Published by: Nikesh Kumar Updated Wed, 23 Feb 2022 10:39 PM IST

Free Demo Classes

Register here for Free Demo Classes

Please fill the name
Please enter only 10 digit mobile number
Please select course
Please fill the email
Something went wrong!
Download App & Start Learning
भारत में आधुनिक शिक्षा का प्रारंभ ब्रिटिश शासन के अधीन हीं हुआ था. अंग्रेजों से पहले, भारत में गुरुकुलों और मदरसों जैसी अपनी शैक्षणिक प्रणालियाँ थीं. ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने पहले 60 वर्षों के शासन के दौरान भारत में शासन करने वालों की शिक्षा की ज्यादा परवाह नहीं की. (इंग्लैंड में भी, सार्वभौमिक शिक्षा बहुत बाद के चरण में आई) सबसे पहले सन 1813 ईस्वी में चार्टर एक्ट में सर्वप्रथम भारतीय शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए एक लाख रूपए की व्यवस्था की गई थी जिसे भारत में साहित्य के पुनरुत्थान तथा विकास के हेतु तथा स्थानीय विद्वानों को प्रोत्साहन देने के हेतु  खर्च करने की व्यवस्था की गई थी.  यदि आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now.
Current Affairs Ebook PDF: डाउनलोड करे
 

भारत में आधुनिक शिक्षा के तीन प्रतिनिधि –

भारत में हम आधुनिक शिक्षा के निम्नलिखित तीन प्रतिनिधि को मानकर चलते हैं -
  • ब्रिटिश सरकार (ईस्ट इंडिया कंपनी)
  • ईसाई मिशनरी
  • भारतीय बुद्धिजीवी और सुधारक
सभी सरकारी परीक्षाओं के लिए हिस्ट्री ई बुक- Download Now

आधुनिक शिक्षा का विकास -

  • ब्रिटिश कंपनी चाहती थी कि कुछेक भारतीय शिक्षित हो जाएँ जो कि भूमि प्रशासन आदि से संबंधित कार्यों में उनकी सहायता कर सकें.
  • ब्रिटिश भारत के अलग अलग स्थानों के स्थानीय रीति-रिवाजों और कानूनों को अच्छी तरह से समझना चाहते थे.
  • इसी उद्देश्य से, वारेन हेस्टिंग्स ने मुस्लिम कानून की शिक्षा के लिए सन 1781 में कलकत्ता मदरसा की स्थापना की.
  • सन 1791 में, जोनाथन डंकन द्वारा हिंदू दर्शन और कानूनों के अध्ययन के लिए वाराणसी में एक संस्कृत कॉलेज भी शुरू किया गया था.
  • इधर मिशनरियों ने मुख्य रूप से अपनी धर्मांतरण गतिविधियों के लिए भारत में पश्चिमी शिक्षा के प्रसार का समर्थन किया. उन्होंने कई स्कूलों की स्थापना की, जिनका काम शिक्षा के नाम पर असल में लोगों को केवल ईसाई धर्म की ओर मोड़ना था.
  • बैपटिस्ट मिशनरी विलियम कैरी सन 1793 में भारत आए थे और 1800 तक बंगाल के सेरामपुर में एक बैपटिस्ट मिशन की स्थापना की गयी, तथा वहां और आसपास के बहुत से क्षेत्रों में कई प्राथमिक विद्यालय भी खोले गए.
  • भारतीय सुधारकों का मानना था कि समय के साथ साथ चलने के लिए तर्कसंगत सोच और वैज्ञानिक सिद्धांतों के प्रसार के लिए एक आधुनिक शिक्षा प्रणाली की बेहद आवश्यकता है.
  • सन 1813 का चार्टर एक्ट शिक्षा को सरकार का उद्देश्य बनाने की दिशा में पहला कदम था.
  • इस अधिनियम ने ब्रिटिश शासित भारत में भारतीयों की शिक्षा के लिए 1 लाख रुपये की राशि के खर्च को मंजूरी दी थी. इस अधिनियम ने उन मिशनरियों को भी प्रोत्साहन दिया जिन्हें भारत आने की आधिकारिक अनुमति दी गई थी. लेकिन भारतीयों को किस प्रकार की शिक्षा दी जाए, इस बात पर सरकार में फूट पड़ गई.
  • प्राच्यवादी, भारतीयों को पारंपरिक भारतीय शिक्षा देना पसंद करते थे. हालाँकि, कुछ अन्य चाहते थे कि भारतीयों को पश्चिमी शैली में शिक्षा दी जाए और उन्हें पश्चिमी विषय पढ़ाए जाएँ.
  • शिक्षा की भाषा के संबंध में एक और कठिनाई भी थी, कुछ लोग भारतीय भाषाओं का उपयोग करना चाहते थे (जिन्हें स्थानीय भाषा कहा जाता है) जबकि कई अन्य लोग अंग्रेजी भाषा पसंद करते थे.
  • इन मुद्दों के कारण, आवंटित धन की राशि सन 1823 तक नहीं दी गई थी. इसके बाद जब सार्वजनिक निर्देश की सामान्य समिति ने प्राच्य शिक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया, उसके बाद आवंटित राशि प्रदान की गयी.
  • सन 1835 में, यह निर्णय लिया गया कि लॉर्ड विलियम बेंटिक की सरकार द्वारा भारतीयों को पश्चिमी विज्ञान और साहित्य अंग्रेजी भाषा के माध्यम से प्रदान किया जाएगा.
  • बेंटिक ने थॉमस बबिंगटन मैकाले को सार्वजनिक निर्देश की सामान्य समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया.
जाने क्या था बंगाल से अकाल, ब्रिटिश नीतियों की विफलता
भारत में पुर्तगाली शक्ति का उदय और उनके विनाश का कारण

मैकाले मिनट्स भारतीयों के लिए शिक्षा के मैकाले के प्रस्ताव का उल्लेख करते हैं -


मैकाले मिनट्स के अनुसार:
  • पारंपरिक भारतीय शिक्षा के स्थान पर अंग्रेजी की शिक्षा दी जानी चाहिए क्योंकि प्राच्य संस्कृति 'दोषपूर्ण' और 'अपवित्र' थी.
  • वह कुछ उच्च और मध्यम वर्ग के छात्रों की शिक्षा में विश्वास करते थे.
  • समय के साथ, शिक्षा पूरी जनता तक पहुंच जाएगी. इसे विप्रवेशन सिद्धांत (infiltration theory) कहा गया.
  • वह भारतीयों का एक ऐसा वर्ग बनाना चाहते थे जो रंग और खून से तो भारतीय हो लेकिन पसंद और संबद्धता में पूरी तरह अंग्रेजी हो.
  • 1835 में, एलफिंस्टन कॉलेज (बॉम्बे) और कलकत्ता मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई थी.
मुस्लिम लीग की स्थापना के पीछे का इतिहास एवं इसके उदेश्य
भारत में डचों के उदय का इतिहास और उनके पतन के मुख्य कारण
बाबरी मस्जिद की समयरेखा- बनने से लेकर विध्वंस तक, राम जन्मभूमि के बारे में सब कुछ
जाने क्या था खिलाफ़त आन्दोलन – कारण और परिणाम
2021 का ग्रेट रेसिग्नेशन क्या है और ऐसा क्यों हुआ, कारण और परिणाम
जानिए मराठा प्रशासन के बारे में पूरी जानकारी
क्या आप जानते हैं 1857 के विद्रोह विद्रोह की शुरुआत कैसे हुई थी

1. प्रश्न - शिक्षा को सरकार का उद्देश्य बनाने की दिशा में ब्रिटिश भारत का पहला कदम कौन सा था ?

उत्तर - शिक्षा को सरकार का उद्देश्य बनाने की दिशा में चार्टर एक्ट पहला कदम था.

2. चार्टर एक्ट कब लाया गया ?

उत्तर - चार्टर एक्ट सन 1813 में लाया गया था.

3. प्रश्न - मैकाले भारत की पारम्परिक शिक्षा के विरोधी क्यों थे ?

उत्तर - क्योंकि मैकाले के अनुसार प्राच्य संस्कृति 'दोषपूर्ण' और 'अपवित्र' थी.

4. प्रश्न - एलफिंस्टन कॉलेज (बॉम्बे) और कलकत्ता मेडिकल कॉलेज की स्थापना कब की गई थी ?

उत्तर - सन 1835 में.

5. प्रश्न - ब्रिटिश कंपनी कुछेक भारतीयों को शिक्षित क्यों करना चाहती थी ?

उत्तर - ब्रिटिश भारत के अलग अलग स्थानों के स्थानीय रीति-रिवाजों और कानूनों को अच्छी तरह से समझना चाहते थे. साथ हीं ब्रिटिश कंपनी कुछ भारतीयों को इसलिए भी शिक्षित करना चाहती थी ताकि वे भूमि प्रशासन आदि से संबंधित कार्यों में उनकी सहायता कर सकें.

Free Demo Classes

Register here for Free Demo Classes

Trending Courses

Professional Certification Programme in Digital Marketing (Batch-6)
Professional Certification Programme in Digital Marketing (Batch-6)

Now at just ₹ 46999 ₹ 9999953% off

Master Certification in Digital Marketing  Programme (Batch-12)
Master Certification in Digital Marketing Programme (Batch-12)

Now at just ₹ 64999 ₹ 12500048% off

Advanced Certification in Digital Marketing Online Programme (Batch-23)
Advanced Certification in Digital Marketing Online Programme (Batch-23)

Now at just ₹ 24999 ₹ 3599931% off

Advance Graphic Designing Course (Batch-9) : 90 Hours of Learning
Advance Graphic Designing Course (Batch-9) : 90 Hours of Learning

Now at just ₹ 16999 ₹ 3599953% off

Flipkart Hot Selling Course in 2024
Flipkart Hot Selling Course in 2024

Now at just ₹ 10000 ₹ 3000067% off

Advanced Certification in Digital Marketing Classroom Programme (Batch-3)
Advanced Certification in Digital Marketing Classroom Programme (Batch-3)

Now at just ₹ 29999 ₹ 9999970% off

Basic Digital Marketing Course (Batch-24): 50 Hours Live+ Recorded Classes!
Basic Digital Marketing Course (Batch-24): 50 Hours Live+ Recorded Classes!

Now at just ₹ 1499 ₹ 999985% off

WhatsApp Business Marketing Course
WhatsApp Business Marketing Course

Now at just ₹ 599 ₹ 159963% off

Advance Excel Course
Advance Excel Course

Now at just ₹ 2499 ₹ 800069% off