World Environment Day: 5 जून को मनाया जाता है विश्व पर्यावरण दिवस, जाने क्यों यह दिन है महत्वपूर्ण

Safalta Experts Published by: Kanchan Pathak Updated Sat, 04 Jun 2022 11:15 AM IST

Highlights

तो क्या हमारे पूर्वजों को इस बात का एहसास था कि आने वाली पीढ़ी पेड़ पौधों को काट कर इस प्रकार धरती को नग्न कर देगी कि प्रदुषण की मार से ओजोन परत में छेद हो जाएगा ?
 

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''अश्र्च्त्थमेकं पिचुमिन्दमेकं न्यग्रोधमेकं दश पुष्पजाति द्वे द्वे, तथा दाड़िम मातुलुंगे पञ्चाम्ररोपी नरकं न याति'' अर्थ - ''एक पीपल, एक नीम, एक बरगद, दस फूलों के पौधे, दो दो अनार के वृक्ष तथा पाँच आम और नारंगी के वृक्ष लगाने वाला मनुष्य नरक नहीं जाता..'' हजारों वर्ष पुराने, हमारे पुराण में यह श्लोक कितनी दूर दृष्टि के साथ लिखा गया होगा यह विचारने योग्य बात है. यह श्लोक आज के प्रदुषण पीड़ित माहौल में कितना प्रासंगिक बैठता है यह हम सभी भलीभांति जानते हैं. श्लोक में वर्णित नरक या स्वर्ग तो खैर कहने भर की बात है, मुख्य बात यह है कि अब के वनस्पतिवैज्ञानिक शोधों से यह सिद्ध हो चुका है कि पीपल, नीम, बरगद आदि ऐसे वृक्ष हैं जो बहुतायत में ऑक्सीजन की मात्रा छोड़ते हैं.. तो क्या हमारे पूर्वजों को इस बात का एहसास था कि आने वाली पीढ़ी पेड़ पौधों को काट कर इस प्रकार धरती को नग्न कर देगी कि प्रदुषण की मार से ओजोन परत में छेद हो जाएगा ? प्रदुषण से जर्जर धरती नर्क के समान हो जाएगी ? कल 5 जून है यानि विश्व विश्व पर्यावरण दिवस. तो आइए आज हम प्रदुषण और विश्व पर्यावरण दिवस से सम्बन्धित कुछ बातें करते हैं. अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download here
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पर्यावरण के प्रति चेतना और जागरूकता जागृत करने के लिए हर साल 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाता है.

विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के लिए 5 जून का दिन हीं क्यों तय किया गया ?
आप सभी में मन में यह विचार पैदा हो सकता है कि इस दिवस को मनाने के लिए 5 जून का दिन हीं क्यों चुना गया. तो दोस्तों मैं आपको आज इसके पीछे का कारण बताती हूँ. दरअसल वर्ष 1972 में संयुक्त राष्ट्र में स्वीडन के स्टॉकहोम में 5 से 16 जून तक मानव पर्यावरण पर शुरू हुए एक सम्मलेन में कुछ प्रभावकारी अभियानों को चलाने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का सुझाव दिया गया था. इस सम्मलेन में दुनिया भर के 119 देशों ने भाग लिया था, इसी के बाद से संयुक्त राष्ट्र के द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस की स्थापना हुई और हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया. इसी सम्मलेन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम युएनईपी का जन्म भी हुआ तथा हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मना कर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का निश्चय लिया  गया. तभी से पूरी दुनिया में हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है.

भारत के लिए ख़ास -

इस सम्मलेन में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमति इन्दिरा गाँधी ने भाग किया था तथा पर्यावरण की बिगड़ते हालात और भविष्य में इसके प्रभाव के ऊपर अपना व्याख्यान दिया था. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण की सुरक्षा के लिए यह भारत का पहला कदम माना जाता है. इस लिहाज़ से भारत के लिए भी यह दिन अपना एक महत्त्व रखता है. 1974 में पहली बार इसे कुछ खास थीम और कांसेप्ट्स के साथ मनाया गया था. इसमें विश्व पर्यावरण दिवस का थीम था ''केवल एक दुनिया'' उसके बाद से हर साल पेड़ों और वनों की कटाई, ग्लोबल वार्मिंग, नदियों के प्रदुषण आदि विभिन्न विषयों और भविष्य में होने वाली परेशानियों से आगाह करने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस को मनाया जाने लगा.
 
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''केवल एक पृथ्वी'' -

इस साल विश्व पर्यावरण दिवस का थीम है ''ऑनली वन अर्थ'' यानि ''केवल एक पृथ्वी''.  निःसंदेह यदि हमने अपनी पृथ्वी को नहीं बचाया तो मानव जीवन समाप्त हो जाएगा.  इस असीम ब्रह्माण्ड में करोड़ों ग्रह नक्षत्र हैं परन्तु एकमात्र पृथ्वी हीं एक ऐसा ग्रह है जिसके ऊपर जीवन का अस्तित्व संभव है और अगर हमने प्रदुषण फैलाना बंद नहीं किया तो वह दिन दूर नहीं जब पृथ्वी पर से भी जीवन समाप्त हो जाएगा. अधिक से अधिक धन कमाने की लालसा में मनुष्य ने जंगल काट डाले और वन्यजीवों को बेघर कर दिया, नदियों और समन्दर को प्रदूषित कर निर्दोष मछलियों और जल जीवों को सताया, वातावरण में डरावनी ध्वनियाँ फैला कर साउंड पॉल्यूशन पैदा किया, हवा में जहर घोला. एक देश दूसरे देश से लड़ने में, नीचा दिखाने में, एक दूसरे को बर्बाद करने में, तोड़ फोड़, जुलूस, आतंकी हमले, लडाई झगड़े करने में जितनी मानव शक्ति और पैसे फूंक रहा है उतने पैसों और शक्ति में तो यह पृथ्वी स्वर्ग से भी सुन्दर हो सकती थी.. पर नहीं आज का मनुष्य खुद को उन्नतिशील समझता है वह परमाणु बम बना कर खुद को सुरक्षित करता है..उसे ये कौन बताएगा कि जब परमाणु बम से ये पूरी दुनिया हीं तबाह हो जाएगी तो यहाँ बचाने के लिए रह हीं क्या जाएगा ?
 

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कम हीं सही पर मिली है सफलता -
संयुक्त राष्ट्र संघ ने जिस सोच के साथ विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का निश्चय किया था उस दिशा में थोड़ी हीं सही पर सफलता तो मिली है. दुनिया के कई देश प्रदुषण कम करने लिए प्रयास भी कर रहे हैं. इस क्रम में विलुप्त हुए विभिन्न पेड़ पौधों, पशु पक्षियों आदि को बचाने की कोशिश भी की जा रही है. इस दिशा में केवल सरकार के भरोसे न रहकर हम सभी को अपना दायित्व खुद समझना चाहिए वर्ना वह दिन दूर नहीं जब मानव जीवन भी इस पृथ्वी पर से विलुप्त हो जाएगा ...
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विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है ?

विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को मनाया जाता है.

2022 के विश्व पर्यावरण दिवस की थीम क्या है ?

इस साल विश्व पर्यावरण दिवस का थीम है ''ऑनली वन अर्थ'' यानि ''केवल एक पृथ्वी''. 

विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को हीं क्यों मनाया जाता है ?

दरअसल वर्ष 1972 में संयुक्त राष्ट्र में स्वीडन के स्टॉकहोम में 5 से 16 जून तक मानव पर्यावरण पर शुरू हुए एक सम्मलेन में कुछ प्रभावकारी अभियानों को चलाने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का सुझाव दिया गया था. तब से हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है.

सबसे पहले विश्व पर्यावरण दिवस का क्या थीम था ?

पहले विश्व पर्यावरण दिवस का थीम था ''केवल एक दुनिया''

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