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इन चारो एलिमेंट्स के आधार पर वेबसाइट का ऑप्टिमाइजेशन करना बहुत आवश्यक है। आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने वाले है, जिन्हे फॉलो करके आप आपनी वेबसाइट का SEO score बढ़ा सकते है। Click here to buy a course on Digital Marketing- Digital Marketing Specialization Course1) टेक्निकल एलिमेंट्स
गूगल bots या crawler आपकी वेबसाइट के टेक्निकल एलिमेंट्स पर काफी ध्यान देते है। On-page SEO और technical SEO ठीक से करना बहुत महत्वपूर्ण है। वेबसाइट का SEO score बढ़ाने के लिए on-page SEO और technical SEO बहुत मायने रखते है।SSL Certificate:
सर्च इंजन आपकी वेबसाइट को अच्छी रैंकिंग दे और साथ ही यूजर को सेफ महसूस हो इसके लिए SSL certificate का होना बहुत जरूरी है।सर्वर रिस्पॉन्स:
आपकी वेबसाइट ठीक से लोड हो इसके लिए एक अच्छा सर्वर होना बहुत जरूरी है। अगर आपके सर्वर की क्वालिटी अच्छी नही है तो वेबसाइट रैंकिंग पर बुरा असर पड़ेगा। अगर आपके सर्वर में दिक्कत है तो आपकी वेबसाइट पर 404, 500 और 4xx status एरर दिखाई दे सकते है।Different Types of Marketing जानिए विभिन्न प्रकार की मार्केटिंग शैलियों के बारे में
इंडेक्सेबल वेबसाइट:
वेबसाइट पर sitemap xml, nofollow and dofollow tags, noindex, robots.txt और canonical tags का सही तरीके से प्रयोग किया जाना चाहिए।यूजर फ्रेंडली URLs:
वेबसाइट के URLs यूजर के लिए अर्थपूर्ण होने चाहिए। डुप्लीकेट कंटेंट को लिंक न करे अन्यथा यह आपकी वेबसाइट के SEO score पर बुरा प्रभाव डालेगा।Download these FREE Ebooks:
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2) वेबसाइट कंटेंट
वेबसाइट का SEO score बढ़ाने के लिए कंटेंट का बहुत महत्व है। जब भी कोई यूजर आपकी वेबसाइट पर आता है तो वह आपका कंटेंट देखता है। अगर आप यूजर को क्वालिटी कंटेंट देते है तो आपकी वेबसाइट को रैंक होने से कोई नहीं रोक सकता।कंटेंट की क्वालिटी:
कंटेंट लिखते समय याद रहे की यूजर उसे आसानी से पढ़ सके, कंटेंट में ग्रेमेटिकल एरर ना हो, कंटेंट फ्रेश हो और कॉपी पेस्ट ना किया गया हो। Broken links का उपयोग नहीं करना चाहिए। गूगल का एल्गोरिथम बहुत स्ट्रॉन्ग है, अगर आपने कंटेंट कापी पेस्ट किया है तो गूगल तुरंत समझ जाएगा। वेबसाइट पर कंटेंट अपलोड करने से पहले उसका plagiarism test जरूर कर ले। इससे आपको कंटेंट की क्वालिटी का पता LG जाएगा। कंटेंट plagiarism के लिए आप फ्री और paid दोनो टूल्स का इस्तेमाल कर सकते है। उदाहरण के लिए duplichecker, quetext और small seo tools यह फ्री टूल्स है। साथ ही grammarly, unicheck और copyscape ये कुछ paid टूल्स है।मेटा कंटेंट:
टाइटल और मेटा डिस्क्रिप्शन हर पेज पर उपस्थित होने चाहिए, इससे search engine और यूजर दोनो को ही कंटेंट पढ़ने में आसानी होगी।अपडेट कंटेंट:
कंटेंट को समय समय पर अपडेट करना बहुत आवश्यक है। उदाहरण के लिए अगर आपने 2 साल पहले wordpress website building पर कोई पोस्ट डाला था और उसमे थोड़े-बहुत ही अपडेट्स आए है, तो आप उस पूरे कंटेंट को दोबारा से नही लिखना चाहोगे। ऐसी स्थिति में कंटेंट को अपडेट करना ही बेस्ट ऑप्शन रहेगा।यूनिक कंटेंट:
वेबसाइट का कंटेंट यूनिक होना चाहिए ताकि यूजर को वह पसंद आए। डुप्लीकेट कंटेंट का यूज नही करना चाहिए इससे SEO पर बुरा असर पड़ता है।ज्यादा सर्च किए जाने वाले कीवर्ड:
वेबसाइट पर कंटेंट लिखने से पहले कीवर्ड की वॉल्यूम चेक करना बहुत जरूरी है। क्या पता आप कोई कंटेंट लिख दे और उसका सर्च वॉल्यूम ही ना हो, ऐसे में उस कंटेंट को कोई नही पढ़ेगा और आपकी वेबसाइट पर ट्रैफिक भी नही आएगा। बिना ट्रैफिक के SEO score नही बढ़ेगा। आप कीवर्ड रिसर्च के लिए google keyword planner tool और answer the public tool का उपयोग कर सकते है।What is Video Marketing, क्या होती है विडियो मार्केटिंग जानें यहाँ
What is Mobile Marketing, मोबाइल मार्केटिंग क्या होती है, क्या होते हैं इसके प्रकार जानें यहाँ
What is Content Marketing? जानिए क्या है कंटेंट मार्केटिंग ?
3) मोबाइल डिवाइस
हाल ही में हुई स्टडी के मुताबिक 10 में से 9 लोग इंटरनेट का उपयोग करने के लिए मोबाइल का यूज करते है। ऐसे में गूगल केवल उन्हीं वेबसाइट्स को रैंक करता है जो मोबाइल फ्रेंडली हो। आपकी वेबसाइट मोबाइल फ्रेंडली है या नही ये जानने के लिए आप google mobile friendly test कर सकते है। यह टेस्ट आपको बता देगा की आपकी वेबसाइट मोबाइल फ्रेंडली टेस्ट में पास हुई है या फैल।वेबसाइट को मोबाइल फ्रेंडली बनाने के तरीके:-
- मोबाइल डिवाइस पर वेबसाइट की लोडिंग स्पीड कम होनी चाहिए वरना गूगल आपकी वेबसाइट को रैंक नही करेगा।
- वेबसाइट मोबाइल में ऊपर - नीचे स्क्रॉल होनी चाहिए ताकि यूजर कंटेंट को पढ़ सके।
- एक्शन बटन छोटे स्क्रीन वाले मोबाइल पर भी आसानी से दिखने चाहिए ताकि यूजर उनपर क्लिक कर सके।
- कंटेंट ज्यादा पास - पास नही होना चाहिए वरना यूजर को समझने में परेशानी हो सकती है।
- अगर आपकी वेबसाइट wordpress पर बनी है तो आप wordpress amp plugin डाउनलोड करे यह आपकी वेबसाइट को ऑटोमेटिकली मोबाइल फ्रेंडली बना देगा।
- अगर आपकी साइट लोडिंग स्पीड ले रही है तो आप search console's core web vitals report से इसके कारणों का पता लगा सकते है। सारे फैक्टर सॉल्व करने के बाद आपकी वेबसाइट मोबाइल फ्रेंडली हो जाएगी।
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4) यूजर एक्सपीरियंस
वेबसाइट रैंकिंग के लिए यूजर फ्रेंडली वेबसाइट बनाना बहुत आवश्यक है। इस बात का ध्यान रखे की आपकी वेबसाइट की इमेजेस ज्यादा हेवी ना हो वरना यूजर आपकी वेबसाइट से एग्ज़िट हो जाएगा और आपकी वेबसाइट का bounce rate बढ़ेगा। हेवी इमेजेस पेज लोडिंग स्पीड को बढ़ा सकती है। वेबसाइट को लिंक्स से ओवरलोड ना करे, ऐसा करने से यूजर दो या तीन क्लिक के बाद वेबसाइट से एक्जिट कर जाएगा। पोस्ट में टाइटल से रिलेटेड कंटेंट ही अपलोड करे।इमेज ऑप्टिमाइजेशन:
SEO score बढ़ाने के लिए इमेजेस का ऑप्टिमाइज होना बहुत जरूरी है। अगर आपकी इमेजेस ऑप्टिमाइज नही है तो, इमेज लोड होने में टाइम लेगी जो SEO के प्वाइंट ऑफ व्यू से ठीक नही है।इमेजेस को ऑप्टिमाइज करने के तरीके:-
कॉपीराइट फ्री इमेजेस:
वेबसाइट पर कोई भी इमेज लगाने से पहले चेक कर ले की वह इमेज कॉपीराइट फ्री है। Freepik, pexels और pixabay जैसी वेबसाइट्स से आप कॉपीराइट फ्री इमेजेस डाउनलोड कर सकते है।
Alt tags और टाइटल:
इमेज से सूटेबल alt tags, टाइटल और डिस्क्रिप्शन लिखे ताकि सर्च इंजन इमेजेस को crawl कर सके।
इमेज रेलीवेंसी विथ कंटेंट:
ध्यान रहे की आप जो इमेज लगा रहे है वो कंटेंट से मिलती जुलती हो, ऐसा ना हो की आपका कंटेंट तो डिजिटल मार्केटिंग से रिलेटेड है और आप इमेज फ्रूट्स की लगा रहे है।
कंप्रेस इमेजेस:
इमेज जल्दी लोड हो इसलिए इमेज को कंप्रेस करके ही वेबसाइट पर लगाए। इसके लिए आप image compress tool का भी यूज कर सकते है।
5) लोडिंग स्पीड कम करे
गूगल के अकॉर्डिंग वेबसाइट की स्लो लोडिंग bounce rate बढाती है और यूजर के कन्वर्ट होने के चांसेज कम करती है। साथ ही गूगल के रैंकिंग फैक्टर पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। मोबाइल और डेस्कटॉप दोनो की लोडिंग स्पीड चेक करने के लिए google pagespeed insights का उपयोग कर सकते है। यह वेबसाइट की लोडिंग स्पीड चेक करने के साथ - साथ इसके कारणों को भी बताता है, जिनमे सुधार करके हम लोडिंग स्पीड कम कर सकते है।ओवरलोड लिंकिंग
होमपेज या अन्य पेजेस पर अनलिमिटेड लिंक्स ना लगाए, अन्यथा यह यूजर एक्सपीरियंस को खराब करती है। SEO score के प्वाइंट ऑफ व्यू से 500 से 600 वर्ड्स के कंटेंट के लिए 2 या 3 लिंक्स बहुत है। उपरोक्त सभी फॉलो करने के बाद आपकी साइट की रैंकिंग पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ेगा और आपकी साइट का SEO score बढ़ने की मदत मिलेगी।