उत्तर प्रदेश पुलिस रिक्रूटमेंट बोर्ड सब इंस्पेक्टर, प्लाटून कमांडर पीएसी व अग्निशमन द्वितीय अधिकारी की 9,534 पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन 2 दिसंबर को पूरा करवा लिया था।
यूपीएसआई परीक्षा 3 चरणों में 12 नवंबर से 2 दिसंबर तक आयोजित करवाई गई थी। इस भर्ती परीक्षा में उत्तर प्रदेश के 15 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था ऐसे में छात्र अब परीक्षा के परिणामों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लिखित परीक्षा में सफल होने वाले छात्रों को फिजिकल टेस्ट के लिए बुलाया जाएगा। इस लेख से आप
यूपीएसआई परीक्षा के परिणाम की तिथि और
अपेक्षित कटऑफ के बारे में जान सकते हैं।
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कब जारी होंगे उत्तर प्रदेश एसआई परीक्षा के परिणाम?
जैसा कि आप लोग जानते हैं उत्तर प्रदेश एसआई परीक्षा 12 नवंबर से 2 दिसंबर तक आयोजित करवा ली गई है आयोग ने इस भर्ती परीक्षा की उत्तर कुंजी 10 दिसंबर को जारी की थी और उत्तर कुंजी पर आपत्ति दर्ज करने की लास्ट डेट जो 16 दिसंबर 2021 थी। यूपी पुलिस एसआई भर्ती परीक्षा का परिणाम अपनी आधिकारिक वेबसाइट uppbpb.gov.in पर जारी करेगा। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक
यूपीएसआई परीक्षा परिणाम जनवरी माह की शुरुआत में जारी किया जा सकता है लेकिन इसके बारे में अभी तक आयोग द्वारा कोई अधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
यूपी पुलिस एसआई चयन प्रक्रिया
यूपी एसआई भर्ती में योग्य उम्मीदवारों का चयन निम्नलिखित तीन चरणों में उनके प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा:
- ऑनलाइन लिखित परीक्षा
- दस्तावेज़ीकरण और शारीरिक मानक परीक्षण (पीएसटी)
- शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी)
दरोगा बनने के लिए देना होगा फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट देखे यहां डिटेल
क्या है यूपी एसआई भर्ती परीक्षा का अपेक्षित कट ऑफ?
| विभिन्न श्रेणियां |
पुरुष अपेक्षित कट-ऑफ अंक (2021) |
महिला अपेक्षित कट-ऑफ अंक (2021) |
| सामान्य |
330 |
290 |
| ओबीसी |
290 |
270 |
| एससी |
260 |
240 |
| एसटी |
230 |
210 |
UP SI Examination कैसे तैयार की जाती है फाइनल मेरिट लिस्ट
यूपी पुलिस एसआई कटऑफ सूची 2021 को प्रभावित करने वाले कारक
- यूपी पुलिस लिखित परीक्षा के लिए परीक्षार्थियों की कुल संख्या।
- कठिन/आसान परीक्षा के मामले में पेपर का कठिनाई स्तर यानी कटऑफ अंक अलग-अलग होंगे।
- जारी रिक्तियों की संख्या।
- उम्मीदवारों की सामान्य, एससी, एसटी जैसी विभिन्न श्रेणियां भी एक कारक हैं।
- इसके अलावा, पिछले साल से किए गए बैकलॉग रिक्तियां भी एक भूमिका निभा सकती हैं।