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वोलकर तुर्क कौन हैं जिन्हें ह्यूमन राइट्स हेड के रूप में नियुक्त किया है
संयुक्त राष्ट्र (यूनाइटेड नेशन महासभा) ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के द्वारा ऑस्ट्रेलिया के वोलकर तुर्क को वैश्विक निकाय के ह्यूमन राइट्स हेड के रूप में नियुक्त किया है। वोलकर तुर्क ने चिली के राजनेता वेरोनिका मिशेल बाचेलेट जेरिया की जगह ली है। जो कि 2018 से 2022 तक संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) के कार्यालय में काम किया है। तुर्क, वर्तमान में नीति के लिए असिस्टेंट महासचिव के रूप में कार्यरत हैं।
ई- फास्ट इंडिया क्या है जाने इसके बारे में विस्तार से
नीति आयोग और विश्व संसाधन संस्थान डब्लूआरआई ने मिलकर भारत का पहला राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक फ्रेट प्लेटफार्म ई- फास्ट इंडिया सस्टेनेबल ट्रांसपोर्ट इंडिया के लिए इलेक्ट्रिक फ्रेट एक्सेलेरेटर का अनावरण किया है। नेशनल इलेक्ट्रिक प्लेटफार्म विश्व आर्थिक मंच CALSTART और RMI इंडिया के समर्थन से विभिन्न हितधारकों को एक साथ लाता है। यह साझेदारी को मजबूत करने और माल ढुलाई समाधानों की पहचान करने और उनका समर्थन करने में मदद करेगा। ई-फास्ट इंडिया की शुरुआत के बाद डब्ल्यूआरआई इंडियाज टोटल कॉस्ट ऑफ ओनरशिप (टीसीओ) इवैल्यूएटर का शुभारंभ हुआ।
रबड़ बांध क्या है जिसका निर्माण फालगू नदी में हुआ है
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गया तीर्थ स्थल में फाल्गु नदी पर भारत के सबसे लंबे रबड़ बांध यानी रबड़ डैम गयाजी बांध को लांच किया है। यह बांध 324 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से बनाया गया है। इस प्रोजेक्ट में आईआईटी रुड़की के एक्सपर्ट शामिल थे। इस बांध को तीर्थ यात्रियों की सुविधा को बढ़ाने के लिए बनाया गया है। इस बांध के बनने में साल भर पर्याप्त पानी भरा रहेगा। इसके बनने से अब यहां पिंडदान करने आने वाले यात्री एवं श्रद्धालु के लिए विष्णुपद घाट के पास फाल्गू नदी में साल भर कम से कम 2 फीट तक पानी उपलब्ध रहेगा।रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्कीम छटा क्या है और इसे क्यों शुरु किया गया है
उड़ीसा सरकार ने राज्य में एक वर्षा जल संचयन योजना यानी रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्कीम की शुरुआत की है। जिसका नाम 'सामुदायिक दोहन और वर्षा जल को कृत्रिम रूप से छत से एक्वीफर (छटा) (‘Community Harnessing and Harvesting Rainwater Artificially from Terrace to Aquifer (CHHATA)) तक पहुंचाना रखा गया है। इस नई योजना को पिछले महीने कैबिनेट ने मंजूरी दी थी और इसे 5 साल की अवधि के लिए लागू किया जाएगा।तारागिरी क्या है जिसे नौसेना ने प्रोजेक्ट 17a के तीसरे स्टील्य युद्धपोत के तहत लॉन्च किया है
भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 17a के तीसरे स्टील्थ युद्धपोत तारागिरी को रविवार 11 सितंबर 2022 को मुंबई में लांच किया गया है। यह जानकारी मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड एमडीएनएल ने दी है। इस जहाज का निर्माण एक एकीकृत निर्माण पद्धति का उपयोग करके तैयार किया गया है। जिसमें विभिन्न ज्योग्राफिकल स्थानों में हल ब्लॉक निर्माण और एमडीएल में स्लीपवे एकीकरण और निर्माण शामिल है। गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 11 सितंबर को क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के कारण राजकीय शोक की घोषणा करने वाली अधिसूचना के अनुपालन के कारण यह कार्यक्रम एक टेक्नोलॉजी लांच तक ही सीमित था।दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2022 क्या है, और इसे क्यों मनाया जाता है
संयुक्त राष्ट्र की ओर से हर साल 12 सितंबर को दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। यह दिन विकासशील देशों के बीच सहयोग के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डालने एवं लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। यह दिन दक्षिणी क्षेत्र में स्थित देशों के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक पहल है। आइए जानते हैं इसके बारे मेंऑपरेशन लंदन ब्रिज क्या है, आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से
ब्रिटिश सिंहासन पर 70 साल से अधिक समय तक राज करने वाली क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय का गुरुवार 8 सितंबर 2022 को 96 साल की उम्र में मृत्यु हो गयी है। एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु के बाद 1960 के दशक में मोनार्क की मृत्यु के समय में बनाई गई योजना को लागू किया गया है। जिसे 10 दिन लंबा एक लिस्ट के साथ कार्यक्रम का आयोजित किया गया है। यह 10 दिन तक कार्यक्रम के अंतिम संस्कार के साथ समाप्त होता है। जिसे ऑपरेशन लंदन ब्रिज कहा जाता है।
विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस का इतिहास और महत्व क्या है
विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस हर साल सितंबर महीने की दूसरे शनिवार को मनाया जाता है। इस साल विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस 2022 10 सितंबर को मनाया गया है। इस दिन को प्राथमिक चिकित्सा यानी फर्स्ट ऐड डे के महत्व को बढ़ावा देने के लिए दुनिया भर में मनाया गया है। जो कि एक महत्वपूर्ण मौलिक कौशल है और वैश्विक स्तर पर इसके बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है, कि यह कैसे कीमती जीवन को बचा सकता है। इस दिन की शुरुआत सबसे पहले इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस एंड रेड क्रीसेंट सोसायटी ने की थी।