Indo-Chinese War History in Hindi, जानिये क्यों हुआ था भारत-चीन के बिच युद्ध

Safalta Experts Published by: Kanchan Pathak Updated Wed, 27 Jul 2022 01:21 PM IST

Highlights

आज से करीब 58 साल पहले की बात है चीन ने भारत पर योजनाबद्ध तरीके से हमला किया था. चीन की सेना ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा लाँघ कर भारत में प्रवेश किया और अपने पुराने तथा विश्वसनीय मित्र भारत को युद्ध भूमि में ललकारा.

Free Demo Classes

Register here for Free Demo Classes

Please fill the name
Please enter only 10 digit mobile number
Please select course
Please fill the email
Something went wrong!
Download App & Start Learning
Indo-Chinese War History in Hindi- हम बुद्ध की धरती के लोग हैं. हमें अपनी ईमानदारी और शान्तिप्रियता पर गर्व है कि हमने कभी भी अपने लालच, ईर्ष्या या कट्टरपंथी के लिए किसी पर हमला नहीं किया. पर हमारी शान्तिप्रियता को अगर कोई हमारी कमजोरी मान बैठे तो यह उसकी मुर्खता है. बुरी नीयत वालों को मज़ा चखाना हमें भलीभांति आता है, चाहे फिर वह पकिस्तान हो या चाइना. अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download here
July Month Current Affairs Magazine DOWNLOAD NOW 
Indian States & Union Territories E book- Download Now
 

छल और विश्वासघात की लड़ाई

इतिहास गवाह है कि हिंदुस्तान ने अनगिनत लड़ाइयाँ लड़ी हैं और जीत हासिल किया है. पर युद्ध में जीतना आसान होता है जबकि विश्वासघात में जीतना जरा मुश्किल होता है. ऐसी हीं एक लड़ाई की आज हम बात करने वाले हैं. वह साल था 1962 का और युद्ध हुआ था भारत चीन के बीच. इस युद्ध को सिद्धांत की लड़ाई के बजाय छल और विश्वासघात की लड़ाई कहना ज्यादा उचित होगा. कई सालों तक चला यह युद्ध आखिरकार चीन द्वारा युद्धविराम की घोषणा के बाद समाप्त हुआ था. इस युद्ध ने जन धन का हीं विनाश नहीं किया बल्कि भारत और चीन की सदियों पुरानी मित्रता को भी विनष्ट कर डाला.

हिंदी चीनी भाई भाई

आज से करीब 58 साल पहले की बात है चीन ने भारत पर योजनाबद्ध तरीके से हमला किया था. चीन की सेना ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा लाँघ कर भारत में प्रवेश किया और अपने पुराने तथा विश्वसनीय मित्र भारत को युद्ध भूमि में ललकारा. तब तक भारत का चाइना से प्रेम का यह आलम था कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का एक नारा 'हिंदी-चीनी भाई-भाई' हर हिन्दुस्तानी के सर चढ़ कर बोलता था. साल 1947 में भारत की आजादी के बाद से हीं चाइना और भारत एक दूसरे के जिगरी मित्र रहे यहाँ तक कि एक बार भारत ने जापान की गोष्ठी आमन्त्रण को केवल इसलिए ठुकरा दिया क्योंकि उसमें चीन को नहीं बुलाया गया था. मगर साल 1959 में दलाई लामा के भारत में शरण लेने के बाद से हीं भारत पर चाइना की नज़र टेढ़ी हो गयी थी. जानकारों की मानी जाए तो यही बात भारत और चीन के बीच युद्ध की बड़ी वजह बनी.
 

History of Galwan Valley : क्या है गलवान घाटी का इतिहास, देखें यहाँ
Battle of Haifa, क्या है हाइफ़ा की लड़ाई ? जानें कैसे भारतीय जवानों ने इज़राइल के शहर को आज़ाद कराया था
Who are Marcos Commando : जानिये कौन होते हैं मार्कोस कमांडो

 

योजनाबद्ध तरीके से किया गया हमला

तब बॉर्डर पर चीन की इस घटिया हरकत से पूरी दुनिया हैरान रह गई थी. मित्रता के लिए समर्पित भारत चीन द्वारा हमला किए जाने के बारे में सोच भी नहीं सकता था. भारत की इसी ईमानदारी का फायदा उठाते हुए चीन के नेता माओत्से तुंग ने तिब्बत रेजीमेंट के तत्कालीन पीएलए कमांडर झांग गुओहुआ को भारत पर हमला करने का आदेश दिया. इस युद्ध में भारत के साथ जो सबसे बुरी बात हुई वह ये कि वह मानसिक रूप से अपने प्रिय मित्र के साथ युद्ध के लिए तैयार नहीं था. जब युद्ध क्षेत्र में चीन के तीन रेजिमेंट्स तैनात होकर भारत को ललकारने लगे तब तक यह भारत का भरोसा हीं था कि उसने सैनिकों की सिर्फ दो टुकड़ियों को सामना करने भेजा. इधर चाइना के छल की तैयारी पूरी थी, चीनी सैनिकों ने भारत के टेलिफोन लाइन काट दिए ताकि सैनिक भारतीय मुख्यालय से संपर्क न कर सकें. पूरे एक महीने तक चले इस युद्ध में आलम यह था कि चीन के 80 हजार जवानों का मुकाबला करने के लिए भारत के सिर्फ 10-20 हजार सैनिक मौजूद थे. इस युद्ध की विनाश लीला 21 नवंबर 1962 को चीन के युद्ध विराम की घोषणा करने तक चलती रही थी.
 

जानिये कैसे होता है भारत में उपराष्ट्रपति का चुनाव

क्या है अविश्वास प्रस्ताव, देखें सभी जरूरी जानकारी यहाँ   

भारत के राष्ट्रपतियों की पूरी सूची 1950 से 2022 तक

जानिए कैसे होता है चुनाव

डेमोक्रेसी (लोकतंत्र) और डिक्टेटरशिप (तानाशाही) के बीच का अंतर

प्रधान मंत्री और राष्ट्रपति के बीच क्या अंतर है?

 

भारत की 14 हजार वर्ग मील जमीन पर कब्जा

चाइना ने भारत की 14 हजार वर्ग मील जमीन पर कब्जा कर लिया था. चाइना के अतिक्रमण से क्रोधित होकर देश में तीव्र विरोध होने लगे. सरकार की आलोचना शुरू हुई तब तत्कालीन सेना प्रमुख पीएन थापर को चीनी सैनिकों को भारतीय इलाके से खदेड़ने का आदेश दिया गया. पर अति विश्वास या असावधानी जो भी कारण रहा हो भारतीय सेना हथियार और संसाधनों की कमी से जूझ रही थी. एक महीने तक चले इस लम्बे युद्ध में भारतीय वायु सेना को शामिल नहीं किया गया था. इस युद्ध को केवल भारतीय सशस्त्र बलों के द्वारा लड़ा गया था.
 
सामान्य हिंदी ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  
पर्यावरण ई-बुक - फ्री  डाउनलोड करें  
खेल ई-बुक - फ्री  डाउनलोड करें  
साइंस ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  
अर्थव्यवस्था ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  
भारतीय इतिहास ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  
 

राष्ट्रपति कैनेडी देना चाहते थे साथ

कहते हैं कि तत्कालीन राष्ट्रपति कैनेडी ने तब भारत को सैन्य सहायता के रूप में $500 मिलियन देने की पेशकश की थी, लेकिन उनकी हत्या हो जाने के कारण यह योजना पूरी नहीं हो सकी थी.
देखा जाए तो भारत-चीन के बीच 1962 में हुआ यह युद्ध एक सीमा विवाद था. पर असल में चीन के 1959 के तिब्बती विद्रोह के बाद जब दलाई लामा को भारत ने शरण दिया चीन की तरफ से सीमा पर हिंसक घटनाओं की श्रृंखला तभी से शुरू हो गयी थी. और फिर चीनी सेना ने 20 अक्टूबर 1962 को लद्दाख में और मैकमोहन रेखा के पार एक साथ हमले शुरू कर दिए थे.
 

Free Demo Classes

Register here for Free Demo Classes

Trending Courses

Professional Certification Programme in Digital Marketing (Batch-6)
Professional Certification Programme in Digital Marketing (Batch-6)

Now at just ₹ 46999 ₹ 9999953% off

Master Certification in Digital Marketing  Programme (Batch-12)
Master Certification in Digital Marketing Programme (Batch-12)

Now at just ₹ 64999 ₹ 12500048% off

Advanced Certification in Digital Marketing Online Programme (Batch-23)
Advanced Certification in Digital Marketing Online Programme (Batch-23)

Now at just ₹ 21999 ₹ 3599939% off

Advance Graphic Designing Course (Batch-9) : 90 Hours of Learning
Advance Graphic Designing Course (Batch-9) : 90 Hours of Learning

Now at just ₹ 19999 ₹ 3599944% off

Flipkart Hot Selling Course in 2024
Flipkart Hot Selling Course in 2024

Now at just ₹ 10000 ₹ 3000067% off

Advanced Certification in Digital Marketing Classroom Programme (Batch-3)
Advanced Certification in Digital Marketing Classroom Programme (Batch-3)

Now at just ₹ 29999 ₹ 9999970% off

Basic Digital Marketing Course (Batch-24): 50 Hours Live+ Recorded Classes!
Basic Digital Marketing Course (Batch-24): 50 Hours Live+ Recorded Classes!

Now at just ₹ 1499 ₹ 999985% off

WhatsApp Business Marketing Course
WhatsApp Business Marketing Course

Now at just ₹ 599 ₹ 159963% off

Advance Excel Course
Advance Excel Course

Now at just ₹ 2499 ₹ 800069% off