NCERT CBSE Class 10th Hindi (Kritika) Chapter 5: मैं क्यों लिखता हूँ?

Safalta Expert Published by: Sylvester Updated Mon, 13 Jun 2022 01:37 PM IST

Highlights

NCERT CBSE Class 10th Hindi (Kritika) Chapter 5: मैं क्यों लिखता हूँ?

Source: safalta.com

प्रसिद्ध साहित्यकार अज्ञेय ने इस निबंध में यह स्पष्ट किया है कि रचनाकार की भीतरी विवशता ही उसे लेखन के लिए मजबूर करती है और लिखकर ही रचनाकार उससे मुक्त हो पाता है । अज्ञेय का यह मानना है कि प्रत्यक्ष अनुभव जब अनुभूति का रूप धारण करता है , तभी रचना पैदा होती है । अनुभव के बिना अनुभूति नहीं होती , परंतु यह आवश्यक नहीं कि हर अनुभव अनुभूति बने । अनुभव जब भाव जगत् और संवेदना का हिस्सा बनता है , तभी वह कलात्मक अनुभूति में रूपांतरित होता है । ‘मैं क्यों लिखता हूँ ?' लेखक के अनुसार यह प्रश्न बड़ा सरल प्रतीत होता है पर यह बड़ा कठिन भी है । इसका सच्चा तथा वास्तविक उत्तर लेखक के आंतरिक जीवन से संबंध रखता है । उन सबको संक्षेप में कुछ वाक्यों में बाँध देना आसान नहीं है ।

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NCERT Solutions for Chapter 5: मैं क्यों लिखता हूं?


Also Check

Chapter 1: माता का आँचल
Chapter 2: जॉर्ज पंचम की नाक
Chapter 3: साना साना हाथ जोड़ि
Chapter 4: एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा


Check out Frequently Asked Questions (FAQs) for Chapter 5: मैं क्यों लिखता हूं?

लेखक अपने सम्मुख कौन सा भेद बनाए रखता है?

कौन सी रचना भीतरी प्रेरणा का फल है और कौन सी बाहरी दबाव का

लेखक को हिरोशिमा पर कविता लिखने की प्रेरणा किससे मिली?

हिरोशिमा की यात्रा के समय एक पत्थर पर उभरी मानव की छाया से।

अनुभव और अनुभूति में क्या अंतर है?

अनुभूति अनुभव से गहरी चीज़ है।

लेखक को दूसरों की पीड़ा का प्रत्यक्ष अनुभव कब हुआ?

हिरोशिमा में आहत लोगों को देखकर

लेखक अपने भीतर की विवशता को कब पहचानता है?

लेखक लिखकर अपने भीतर की विवशता को पहचानता है।