'संस्कृति' नामक पाठ में लेखक ने सभ्यता और संस्कृति के मध्य के अंतर को बताया है। साथ ही यह बताने का भी प्रयास किया है कि आज बहुत से व्यक्तियों को न सभ्यता का पता है और न ही संस्कृति का , किंतु वे संस्कृति के नाम पर समाज में भ्रम फैला रहे हैं।
लेखक को संस्कृति का बँटवारा करने वालों पर आश्चर्य होता है। जो मनुष्य के लिए कल्याणकारी नहीं है , वह न सभ्यता है और न संस्कृति। लेखक ने माना है कि मानव संस्कृति अविभाज्य वस्तु है।
लेखक को संस्कृति का बँटवारा करने वालों पर आश्चर्य होता है। जो मनुष्य के लिए कल्याणकारी नहीं है , वह न सभ्यता है और न संस्कृति। लेखक ने माना है कि मानव संस्कृति अविभाज्य वस्तु है।
Students can view and download the chapter from the link given below.
Click here to get the complete chapter
NCERT Solutions for Chapter 17: संस्कृति
Also Check
Chapter 1: सूरदास के पद
Chapter 2: राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद
Chapter 3: सवैया और कवित्त
Chapter 4: आत्मकथ्य
Chapter 5: उत्साह और अट नहीं रही है
Chapter 6: यह दंतुरित मुस्कान और फसल
Chapter 7: छाया मत छूना
Chapter 8: कन्यादान
Chapter 9: संगतकार
Chapter 10: नेताजी का चश्मा
Chapter 11: बालगोबिन भगत
Chapter 12: लखनवी अंदाज़
Chapter 13: मानवीय करुणा की दिव्य चमक
Chapter 14: एक कहानी यह भी
Chapter 15: स्त्री-शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन
Chapter 16: नौबतखाने में इबादत
Check out Frequently Asked Questions (FAQs) for Chapter 17: संस्कृति
मनुष्य किसके अनुसार विभिन्न अविष्कार करता है?
आवश्यकता के अनुसार
गौतम बुद्ध ने अपना घर क्यों त्याग दिया था?
गौतम बुद्ध ने अपना घर मानवता के सुख के लिए त्याग दिया था।
मौसम से बचने तथा शरीर को सजाने के लिए किसका अविष्कार किया गया?
मौसम से बचने तथा शरीर को सजाने के लिए सुई धागे का अविष्कार किया गया।
मनीषियों से मिलने वाला ज्ञान उनके किस गुण के कारण हमें प्राप्त होता है?
सहज संस्कृति के कारण
मानव को सुख-सुविधा देने वाले साधन क्या कहलाते हैं?
सभ्यता