कवि शैलेंद्र फिल्म जगत में गीतकार के रूप में कई दशकों तक छाए रहे । उन्होंने ‘ फणीश्वरनाथ रेणु ‘ की सर्वोच्च कृति ‘ तीसरी कसम ‘ उर्फ़ मारे गए गुलफाम को सिनेमा परदे पर उसकी बारीकियों के साथ प्रस्तुत किया , जो हिंदी जगत में अद्वितीय बन गई । इस फ़िल्म में राज कपूर , वहीदा रहमान व संगीतकार के रूप में शंकर – जयकिशन शामिल थे । राज कपूर ने अपने अभिनय द्वारा समीक्षकों को हैरान कर दिया । हीरामन के चरित्र को उन्होंने अत्यंत मार्मिकता व मासूमियत के साथ प्रस्तुत किया जिस पर राज कपूर हावी नहीं होता । ‘ तीसरी कसम ‘ अपने समय की वह फ़िल्म है , जिसने अनेक फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त किए । शैलेंद्र ने ‘ तीसरी कसम ‘ में अपनी भावप्रवणता का सर्वश्रेष्ठ तथ्य प्रदान किया , जो दर्शकों को त्रासद स्थिति में भी जीवन जीने की प्रेरणा देता है ।
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NCERT Solutions for Chapter 13: तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र
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Chapter 8: कर चले हम फ़िदा
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Chapter 15: अब कहाँ दूसरे के दुःख से दुःखी होने वाले
Chapter 16: पतझड़ में टूटी पत्तियाँ
Chapter 17: कारतूस
Check out Frequently Asked Questions (FAQs) for Chapter 13: तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र
तीसरी कसम में राज कपूर ने किसकी भूमिका निभाई?
एक गाड़ीवान हीरामन की
कहानी सुन कर राज कपूर ने क्या कहा?
मेरा पारिश्रमिक एडवांस देना होगा
लेखक के अनुसार हमारी फिल्मो में सबसे बड़ी कमी क्या है?
लोक तत्व की
किस फिल्म के बाद राज कपूर आत्म विश्वास से भर गए?
संगम
राजकपूर की किस बात पर शैलेंद्र का चेहरा मुरझा गया?
जब उन्होंने पारिश्रमिक माँगा