‘ गागर में सागर ‘ मुहावरे को जीवंत करते इस पाठ में प्रस्तुत प्रसंग महज़ पढ़ने – सुनने के ही नहीं , बल्कि जागरूक और सक्रिय नागरिक बनने की भी प्रेरणा देते हैं ।
पहला प्रसंग , ‘ गिन्नी का सोना ‘ जीवन में अपने लिए सुख – साधन जुटाने वालों से नहीं , बल्कि उन लोगों से परिचित कराता है , जो इस जगत को जीने और रहने योग्य बनाए हुए हैं ।
दूसरा प्रसंग , ‘ झेन की देन ‘ बौद्ध दर्शन में वर्णित ध्यान की उस पद्धति की याद दिलाता है , जिसके कारण जापान के लोग आज भी अपनी व्यस्ततम दिनचर्या के बीच कुछ चैन भरे पल पा जाते हैं ।