अंतोन चेखव द्वारा रचित प्रस्तुत कहानी ‘ गिरगिट ‘ में एक घटना के माध्यम से यह स्पष्ट किया गया है कि शोषक को उसकी जाति , पद व रुतबे के अनुसार नहीं , बल्कि उसके अपराध के आधार पर दंड मिलना चाहिए तथा शोषित व्यक्ति को न्याय भी उसी आधार पर मिलना चाहिए । ऐसा करके ही हम स्वस्थ समाज व सुखद राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं ।
सुशासन की व्यवस्था समानता के सिद्धांत पर चलती है । सुशासन के प्रति लोगों के मन में आदर का भाव उत्पन्न होता है , क्योंकि वे निडर होकर अपना जीवन व्यतीत कर सकते हैं । ऐसी शासन व्यवस्था का सपना हम तभी पूरा कर सकते हैं , जब शासन की बागडोर सँभालने वाले लोग पक्षपात किए बिना अपने अधिकारों और कर्तव्यों का पालन करें ।