प्रस्तुत एकांकी में एक ऐसे जाँबाज़ ‘ वज़ीर अली ‘ के कारनामों का वर्णन है , जिसका एकमात्र लक्ष्य अंग्रेज़ों को इस देश से बाहर निकालना था । यह दिलेर इतना निडर था कि शेर की माँद में पहुँचकर उससे दो – दो हाथ करने की भाँति कंपनी की बटालियन के खेमे में आ पहुँचा और उनके कर्नल पर ऐसा रोब जमाया कि उसके मुँह से भी वज़ीर अली के लिए प्रशंसा के ऐसे शब्द निकले , जो किसी शत्रु या अपराधी के लिए नहीं बोले जा सकते थे ।
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NCERT Solutions for Chapter 17: कारतूस
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Chapter 13: तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र
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Check out Frequently Asked Questions (FAQs) for Chapter 17: कारतूस
ब्रिटिश सरकार का मुकाबला थोड़े से सिपाहिओं के साथ कौन करने को तैयार था?
वज़ीर अली
ऐसी उड़ती हुई धुल से प्रतीत होता है जैसे की एक पूरा काफिला चला आ रहा है … यह कथन किसका है?
कर्नल कालिज का
कर्नल कालिज का खेमा जंगल में क्यों लगा हुआ था?
वज़ीर अली को पकड़ने के लिए
सआदत अली ने किसके साथ गद्दारी की?
अपने भाई के साथ
सआदत अली को तख़्त पर क्यों बैठाया गया?
ताकि वो अंग्रेजी हकूमत को पैसे दे